अनंत शक्तियों का भंडार है हमारा शरीर-anant shakti ka bhandar hai hamara sharir

 

अनंत शक्तियों का भंडार है हमारा शरीर

अनंत शक्तियों का भंडार है हमारा शरीर-anant shakti ka bhandar hai hamara sharir


दोस्तों क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर के अंदर अनंत शक्तियां हैं 

वह सब सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं इन शक्तियों को जागृत करने पर कोई भी कठिन कार्य किया जा सकता है इन शक्तियों के जागृति जिनके द्वारा कर ली जाती है वे लोग सिद्ध संत ऋषि और अवतार की श्रेणी में आ जाते हैं इन शक्तियों की जागृति योग, साधना, तप, संयम और सेवा से ही की जा सकती है और इन शक्तियों को जागृत कर जीवन को धन्य बनाया जा सकता है इन शक्तियों के जाग्रत होने पर मनुष्य स्वयं तो धन्य हो ही सकता है और वह भवसागर पार उतर सकता है और अनेक लोगों को इसका लाभ दे सकता है और उनके जीवन का कल्याण कर सकता है ऐसे कई प्रमाण मिलते हैं

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जिन लोगों का इन शक्तियों पर नियंत्रण था और कई चमत्कारिक कार्य किए ऐसे ही एक महिला थी जिसका नाम था मैडम हेलेना ब्लाउटस्की जो सम्मोहन विद्या में पारंगत थी और कई शक्तियों से संपन्न थी उन्होंने कई बार आश्चर्यजनक प्रदर्शन किए जैसे निर्जीव और सजीव वस्तुओं के भार में अंतर उत्पन्न करके दिखाया एक बार उन्होंने एक मेज पर अपनी दृष्टि को जमा दिया जो कई लोगों के उठाने पर भी टस से मस नहीं हुई जबकि उस मेज का वजन सामान्य था लेकिन वह जो यह चमत्कार करती थी वह उनके पिता को उन पर विश्वास नहीं था 

एक बार उनके पिता उनका परीक्षण करने के लिए ब्लैक बोर्ड पर कुछ चीजें लिखी और वापस आकर अपनी पुत्री से पूछने पर यदि वह उसका सही जवाब दे तो वह उनकी बातों पर विश्वास करना चाह रहे थे आश्चर्य की बात यह थी कि जब वह  कमरे में ब्लैक बोर्ड पर कुछ चीजें लिख रहे थे उसी समय जो चीज वह वहां लिख रहे थे वही चीजें कागज पर यहां मैडम हैलेना ब्लाउट्सकी ने एक कागज पर लिखकर रख लिया जब पिताजी वापस आए और पूछा कि मैंने अंदर ब्लैक बोर्ड पर क्या लिखा है

तब उन्होंने वह कागज की पर्ची उनके हाथ में दे दी जिसको देखकर वह हैरान हो गए कि जो शब्द उन्होंने ब्लैक बोर्ड पर लिखे थे उस पर्ची में वही लिखा हुआ था वह पात्र व्यक्तियों को सूक्ष्म  संदेश भेजती थी जो संगीत की ध्वनि में सुनाई देता था उन्होंने कई ऐसे प्रयोग किये है जो सामान्य अवस्था की मनुष्य के पहुंच के बाहर है इससे यह सिद्ध होता है कि हमारे शरीर में अनंत शक्तियों का भंडार है जो सुप्त अवस्था में पड़ा हुआ है

जिस पर हम प्रयास करके और उसको जागृत करके योग तप साधना, प्राणायाम के द्वारा ऐसे कार्यों को करने की क्षमता उत्पन्न कर सकते हैं आज के समय में सम्मोहन विद्या में दक्ष लोग बहुत सी चीजें हम को दिखाते हैं सम्मोहन विद्या के द्वारा कई व्यक्तियों के जीवन में सम्मोहन विद्या में दक्ष लोग परिवर्तन कर देते हैं और उनकी बीमारियों को सही कर देते हैं मनुष्य के अंदर महान शक्तियां हैं

लेकिन उन को जागृत करने के लिए प्रयास नहीं करता इन शक्तियों की जागृति से कोई भी असंभव कार्य किया जा सकता है मनुष्य को बनाने वाले परमात्मा हैं परमात्मा का मनुष्य एक अंश है जितनी शक्तियां परमात्मा में निहित है वह सारी शक्तियां मनुष्य में भी हैं यदि साधारण मनुष्य निरंतर प्रयास करें तो वह नर से नारायण बन सकता है

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